पृष्टभूमि (Background)India Israel relations:
- भारत में 17तंब सिर 1950 को औपचारिक रूप से इजराइल को मान्यता दी। इसके तुरंत पश्चात, यहूदी एजेंसी ने मुंबई में एकआव्रजन कार्यालय की स्थापना की। बाद में इसे एक व्यापार कार्यालय में तथा अंततः एक वाणिज्य दूतावास में परिवर्तित करदिया गया। दूतावास 1992 में खोले गए जब पूर्ण राजनीतिक संबंध स्थापित हो गए थे।
- 1992 में संबंधों में सुधार के उपरांत रक्षा तथा कृषि द्विपक्षीय संबंधों के मुख्य आधार रहे। हाल के वर्षों में, शिक्षा एवं सुरक्षाजैसे क्षेत्रों में संबंधों का विस्तार हुआ है।
- दो इजरायली राष्ट्रपतियों ने भारत का दौरा किया – 1996 में एजर विजमैन तथा 2016 में रूबेन रिवलीन, प्रधानमंत्री एरियलशेरोन ने 2003 में भारत का दौरा किया।
- भारत से राष्ट्रपति प्रणव मुखर्जी अक्टूबर 2015 में इजराइल गए।
- 2017 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की इजरायल की यात्रा वस्तुतः उच्च सरकारी स्तर पर भारत की पहली ऐसी यात्रा की प्रतीकथी।
- प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने जनवरी 2018 में भारत की यात्रा की।
- इन यात्राओं ने इस संबंधों को बहुत अधिक लोग उन्मुख बनाया।
भारत – इजरायल संबंध (India Israel relations) के कुछ महत्वपूर्ण बिंदु निम्नलिखित है:
- राजनीतिक संबंध: भारत और इजरायल(India Israel relations) ने 1992 में राजनीतिक संबंध स्थापित किया, जिससे उनकी विदेश नीतियों में एक महत्वपूर्ण परिवर्तन हुआ।
- रक्षा सहयोग: दोनों देशों के बीच मजबूत रक्षा साझेदारी है। जिसमें इजरायल भारत के लिए सैन्य उपकरण और प्रौद्योगिकी का मुख्य आपूर्ति कर्ता है।
- आतंकवाद के मुद्दे में सहयोग: भारत और इसराइल (india isr आतंकवाद के मुद्दे को साझा करते हैं। जिसमे खुफिया जानकारी साझा करने और आतंकवाद के खिलाफ रणनीतियों में सहयोग करना।
- व्यापार और प्रौद्योगिकी: दोनों देशों के बीच व्यापार और प्रौद्योगिकी का आदान-प्रदान हो रहा है। विशेष कर कृषि, जल प्रबंधन और साइबर सुरक्षा के क्षेत्र में।
- सांस्कृतिक और शैक्षिक आदान-प्रदान: सांस्कृतिक और शैक्षिक संबंधों को मजबूत करने के लिए प्रयास किया जा रहे हैं, जिससे भारत और इजरायल के लोगों के बीच गहरा समझ स्थापित हो रहा है।
- अंतरिक्ष के क्षेत्र में सहयोग।
- बहुपक्षीय मंचों पर एक दूसरे का सहयोग भारत।
इनमें से कुछ बिंदु का विस्तार से वर्णन:
रक्षा एवं सुरक्षा (Defence and Security):
- भारत इजराइल(India Israel relations) से महत्वपूर्ण रक्षा प्रौद्योगिकियों का आयात करता है।
- भारत, इजराइली रक्षा उद्योग का प्रथम कोटि का निर्यात गंतव्य है। इजरायली रक्षा निर्यातों का लगभग 41% भारत को किया जाता है। इस प्रकार, भारत का रक्षा आयात इजरायली रक्षा उद्योग के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण है।
- हालांकि, 2005 से 2014 के दौरान, यह 7% सैन्य उपकरण वितरणों के लिए उत्तरदायी था, जो रूस तथा संयुक्त राज्य अमेरिका के बाद तीसरे स्थान पर था।
- दोनों राष्ट्रों के सशस्त्र बलों के प्रमुखों तथा रक्षा कर्मियों के मध्य नियमित संचार होते रहते हैं। और चीफ मार्शल अरूप राहा ने मार्च 2016 में इजराइल का दौरा किया, जबकि इजरायली नौसेना एवं वायु सेना के प्रमुखों ने 2015 में भारत का दौरा किया। INS त्रिकंद ने अगस्त 2015 में हाईफा बंदरगाह पर एक पोर्ट आफ कॉल का दौरा किया।
- फरवरी 2014 में भारत तथा इजराइल (india israel relations) ने तीन महत्वपूर्ण समझौते पर हस्ताक्षर किए:
- आपराधिक मामलों में पारस्परिक कानूनी सहायता।
- होमलैंड (मातृभूमि) तथा सार्वजनिक सुरक्षा में सहयोग।
- वर्गीकृत सामग्री (Classified Material) का संरक्षण।
- होमलैंड सिक्योरिटी (मातृभूमि सुरक्षा) में सहयोग के लिए निम्नलिखित क्षेत्रों में चार कार्यकारी समूहों की स्थापना की गई है: सीमा प्रबंधन, आंतरिक सुरक्षा, व सार्वजनिक संरक्षा, पुलिस आधुनिकीकरण तथा अपराध, अपराध निवारण एवं साइबर अपराध का सामना करने के लिए क्षमता निर्माण ।
- प्रशिक्षु IPS अधिकारियों ने विदेश यात्रा के लिए वर्ष 2015 एवं 2016 में इजराइल का दौरा किया।
- आतंकवाद – रोधी मुद्दों पर संयुक्त कार्य समूह के साथ-साथ, आतंकवाद – रोधी मुद्दों पर निरंतर सहयोग बना हुआ है। जुलाई 2015 में संयुक्त कार्य समूह की अंतिम बैठक आयोजित की गई थी।
निवासी (People):
- 1950 तथा 1960 के दशक के दौरान विशाल संख्या में यहूदियों ने भारत से इजरायल की और अप्रवास किया। इजराइल में भारतीय मूल के लगभग 85000 यहूदी है। इनमें से अधिकांश महाराष्ट्र (बेने इजराइल) से हैं, साथ अपेक्षाकृत कम संख्या में केरल (कोचीनि यहूदी) तथा कोलकाता (बगदादी यहूदी) से भी इनका अप्रवास हुआ है।
- हाल के वर्षों में, भारत के उत्तर पूर्वी राज्य के कुछ भारतीय यहूदी (बेनी मेनशे) इजरायल के लिए अप्रवास कर रहे हैं। उल्लेखनीय है कि उनकी पुरानी पीढ़ी अभी भी भारतीय जीवन शैली तथा भारत के साथ मजबूत सांस्कृतिक संबंधों को बनाए रखी हुई है।
- लेकिन युवा पीढ़ी इजरायली समाज में अपेक्षाकृत पूर्ण रूप से एकीकृत हो गई है। हालांकि, भारतीय मूल के व्यक्तियों के लिए, भारत की यात्रा के अवसर प्रदान करने वाले कार्यक्रम नो इंडिया प्रोग्राम (भारत को जानें) को भारतीय यहूदियों की युवा पीढ़ी द्वारा सहज ही स्वीकार किया गया है।
- इजराइल में लगभग 12500 भारतीय नागरिक हैं, जिनमें से लगभग 11500 देखभाल/ कर्ता (Caregivers) है। अन्य में हीरो के व्यापारी, कुछ IT पेशेवर तथा छात्र सम्मिलित है।
- इजराइलियों के लिए भारत एक प्रमुख पर्यटन स्थल के रूप में उभरा है।
- मार्च 2018 को दिल्ली तथा तेल अवीव के मध्य सीधी उड़ानों के शुभारंभ से, लोगों को पारस्परिक संबंधों को प्रोत्साहन मिलने की उम्मीद है।
व्यापार(Trade):
- दोनों राष्ट्रों के मध्य द्विपक्षीय व्यापार 1992 में 200 मिलियन डॉलर (मुख्य रूप से हीरे का व्यापार) से बढ़कर 2011 में 5.19 बिलियन अमेरिकी डॉलर तक पहुंच गया। तब से दोनों के मध्य द्विपक्षीय व्यापार (रक्षा को छोड़कर) 4 से 4.30 बिलियन अमेरिकी डॉलर के आसपास स्थिर हो गया है। यह 2015 में 4.14 बिलियन अमेरिकी डॉलर था।
- यद्दपि द्विपक्षीय व्यापार में आधे से अधिक हिस्सेदारी हीरो का है, तथापि हाल के वर्षों में व्यापार में फार्मास्यूटिकल्स, कृषि, IT इत्यादि जैसे क्षेत्रों के सम्मिलित होने से इसमें विविधता आई है।
- भारत से इजराइल को किए जाने वाले प्रमुख निर्यातों में हीरे एवं धातुएं, रसायन उत्पाद तथा वस्त्र सम्मिलित है। भारत द्वारा इजराइल से किए जाने वाले प्रमुख आयतों में भी हीरे एवं धातुएं, रसायन (मुख्य रूप से पोटाश) तथा मशीनरी एवं परिवहन उपकरण सम्मिलित है। यद्दपि सेवाओं के विश्वसनीय आंकड़े उपलब्ध नहीं है, परंतु अनुमान लगाया गया है की सेवाओं में लगभग 75% द्विपक्षीय व्यापार, भारत से इजरायल की ओर प्रवाहित होती है।
कृषि (Agriculture):
- भारत तथा इजरायल (India Israel relations) के मध्य कृषि में सहयोग के लिए एक द्विपक्षीय समझौता संपन्न हुआ है। वर्ष 2015-18 के लिए द्विपक्षीय कार्य योजना वर्तमान में जारी है।
- भारत तथा इजराइल, वर्ष 2017 में जल एवं कृषि में रणनीतिक साझेदारी (Strategic Partnerships in Water and Agriculture) स्थापित करने पर सहमत हुए हैं। यह जल संरक्षण, अपशिष्ट जल शोधन एवं कृषि में इसके पुनः उपयोग, विलवणीकरण तथा उन्नत जल प्रौद्योगिकियों का उपयोग करके गंगा एवं अन्य नदियों की सफाई पर केंद्रित होगा।
- इजरायली सहायता से भारत में विकसित किए जाने वाले कृषि के क्षेत्र में प्रस्तावित 26 उत्कृष्ट केंद्रों में से 10 केंद्रों का विभिन्न राज्यों, जैसे – हरियाणा, महाराष्ट्र, राजस्थान, गुजरात आदि में पहले से ही प्रवर्तन किया जा चुका है।
- भारत को हॉर्टिकल्चर (बागबानी) यंत्रीकरण, संरक्षित कृषि, उपवन एवं वितान प्रबंधन, नर्सरी प्रबंधन, सूक्ष्म – सिंचाई तथा फसल कटाई के उपरांत प्रबंधन में, इजरायली विशेषज्ञता एवं प्रौद्योगिकियों से लाभ हुआ है।
- इजरायली ड्रिप सिंचाई प्रौद्योगिकियों तथा उत्पादों का अब व्यापक रूप से भारत में उपयोग किया जाता है।
हालिया गतिशीलता: प्रधानमंत्रीयों की यात्राएं ( Recent Moment: The visits of Prime Ministers)
- प्रधानमंत्री ने जुलाई 2017 में दूतावासों के आदान-प्रदान के 25 वर्ष पूरे होने के अवसर पर इजरायल का दौरा किया।
- भारत के विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग तथा इजरायल के राष्ट्रीय तकनीकी नवोन्मेष प्राधिकरण द्वारा भारत – इजराइल औद्योगिक अनुसंधान एवं विकास तथा नवोन्मेष कोष (India – Israel Industrial R&D and Innovation Fund: I4F) को स्थापित करने के लिए एक समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए गए, जिसमें प्रत्येक पक्ष ने 20 मिलियन अमेरिकी डॉलर का योगदान दिया।
- दोनों देश, भारत – इजराइल विकास सहयोग (कृषि क्षेत्र में एक 3 वर्षीय कार्य योजना) के लिए भी सहमत हुए। दोनों में एक पंचवर्षीय प्रौद्योगिकी कोष गठित की है।
- भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन(ISRO) तथा इसराइल स्पेस एजेंसी(ISA) के मध्य, एटॉमिक क्लॉक्स,GEO-LEO ऑप्टिकल लिंक तथा छोटे उपग्रह के लिए इलेक्ट्रिक प्रणोदन में सहायक के लिए 2017 में समझौता ज्ञापनों पर हस्ताक्षर किए गए थे।
- भारत – इजराइल CEO मंच की स्थापना, प्रधानमंत्री मोदी की इजरायल की यात्रा के दौरान, जुलाई 2017 में हुई थी।
- हालांकि, कुछ घटनाओं ने संबंधों में टकराव के मामलों को भी संकेत दिया है। जैसे- दिसंबर 2017 में यरूसलम मुद्दे पर संयुक्त राष्ट्र में मतदान तथा इजराइल से 1600 स्पाइक एंटी – टेक गाइडेड मिसाइल को खरीदने के लिए भारत द्वारा 500 मिलियन डॉलर के सौदे को रद्द करने की खबर आदि।
- दोनों प्रधानमंत्री ने इजरायली – फिलिस्तीन शांति प्रक्रिया से संबंधित विकास पर चर्चा की। उन्होंने इस क्षेत्र में एक न्यायसंगत एवं स्थाई शांति बहाली की आवश्यकता पर बल दिया। उन्होंने, पारस्परिक मान्यता एवं सुरक्षा व्यवस्था पर आधारित दोनों पक्षों के मध्य आरंभिक बातचीत के जरिए समाधान पर पहुंचने के लिए अपना समर्थन दिया।
- हालांकि, यह मुद्दे उतनी चिंता का कारण नहीं बने जैसा की जनवरी 2018 के दौरान प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू की भारत यात्रा के दौरान देखा गया था। इस यात्रा के दौरान दोनों प्रधानमंत्री ने, भारत – इजराइल विकास सहयोग (कृषि में एक 3 वर्षीय कार्य योजना 2018-2020) के आरंभ एवं कार्यान्वयन का पुरजोर तरीके से उल्लेख किया।
- तेल एवं गैस क्षेत्र में सहयोग के लिए समझौता ज्ञापनों पर हस्ताक्षर किए गए।
- भारत तथा इजरायल के मध्य साइबर सुरक्षा में सहयोग के लिए समझौता ज्ञापनों पर हस्ताक्षर करके सुरक्षा सहयोग को आगे बढ़ाया गया।
- नागरिक विमानन क्षेत्र में सहयोग के दायरे को बढ़ाने के लिए वायु परिवहन समझौते में संशोधन प्रोटोकॉल पर हस्ताक्षर कर, दोनों पक्षों ने पीपल – टू – पीपल संबंधों को आगे बढ़ाने की अपनी वचनबद्धता की पुष्टि की।
- दोनों पक्षों ने, पीपल – टू – पीपल संबंधों को बढ़ावा देने में फिल्मों की भूमिका को पहचानते हुए, फिल्म सह – उत्पादन के क्षेत्र में एक समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए।
- दोनों राष्ट्रों के प्रधानमंत्री दोनों देशों के लोगों के मध्य मित्रता को सुदृढ़ करने के लिए एक अन्य कदम के रूप में वर्ष 2019 में अपने-अपने देशों में भारत और इजराइल समारोहों के आयोजन पर भी सहमत हुए हैं।
आगे की राह (Way Forward):
- भारत ने इजरायल(India Israel relations) के साथ समृद्ध संबंधों के कारण अन्य पश्चिमी एशियाई देशों के साथ अपने संबंधों को नुकसान नहीं पहुंचा है। साथ ही, इन संबंधों का स्तर एवं दायरा और बढ़ रहा है।
- 2017 में प्रधानमंत्री की इजरायल की एकल यात्रा ने, फिलिस्तीनियों तथा अन्य अरब देशों के साथ इजराइल के संबंधों के डी – हायफनेशन को चिन्हित किया। इसे एक संतुलित तरीके से आगे ले जाने की आवश्यकता है।
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