इसरो ने आज इतिहास रच दिया है सूरज के नजदीक अपनी मंजिल पर पहुंच आदित्य - L1
इसरो ने आज इतिहास रच दिया है सूरज के नजदीक अपनी मंजिल पर पहुंच आदित्य - L1
सितंबर 2023 को भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन ने अपने पहले सौर मिशन आदित्य एल का प्रक्षेपण किया था ।
सितंबर 2023 को भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन ने अपने पहले सौर मिशन आदित्य एल का प्रक्षेपण किया था ।
आदित्य L1 का प्रक्षेपण PSLV - C57 रॉकेट का उपयोग करके किया गया था
आदित्य L1 का प्रक्षेपण PSLV - C57 रॉकेट का उपयोग करके किया गया था
अभी तक के अपने इतिहास में इसरो ने पहली बार यह था कि PSLV के चौथे चरण को दो बार प्रक्षेपित किया ।
अभी तक के अपने इतिहास में इसरो ने पहली बार यह था कि PSLV के चौथे चरण को दो बार प्रक्षेपित किया ।
आदित्य L1 1.5 मिलियन किलोमीटर की दूरी से सूर्य का अध्ययन करने वाला भारत का पहला अंतरिक्ष आधारित वेधशाला श्रेणी का सौर मिशन है।
आदित्य L1 1.5 मिलियन किलोमीटर की दूरी से सूर्य का अध्ययन करने वाला भारत का पहला अंतरिक्ष आधारित वेधशाला श्रेणी का सौर मिशन है।
इसका उद्देश्य सौर कोरोना, प्रकाशमंडल, क्रोमोस्फीयर और सौर पवन के बारे में मूल्यवान अंतर्दृष्टि प्रदान करना है।
इसका उद्देश्य सौर कोरोना, प्रकाशमंडल, क्रोमोस्फीयर और सौर पवन के बारे में मूल्यवान अंतर्दृष्टि प्रदान करना है।
आदित्य- 1, 6 जनवरी 2024 को करीब शाम 4:00 बजे बिना किसी रूकावट के अपने मंजिल लैंग्रेंज पॉइंट -1 पर पहुंच गया।
आदित्य- 1, 6 जनवरी 2024 को करीब शाम 4:00 बजे बिना किसी रूकावट के अपने मंजिल लैंग्रेंज पॉइंट -1 पर पहुंच गया।
यह लगभग अपनी कक्षा में 5 सालों तक रहेगा और महत्वपूर्ण आंकड़े जुटाएगा।
यह लगभग अपनी कक्षा में 5 सालों तक रहेगा और महत्वपूर्ण आंकड़े जुटाएगा।